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अपनी ही सरकार से भिड़ी ABVP! UP की सड़कों पर बवाल, पुलिस ने छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा- Video

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित श्रीराम स्वरूप स्मारक विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज का मामला अब बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया है. सोमवार को हुए इस बवाल में करीब 25 छात्र और एबीवीपी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घटना के बाद न केवल छात्र संगठनों में गुस्सा है, बल्कि विपक्षी दलों ने भी सरकार पर सीधा हमला बोला है.

अपनी ही सरकार से भिड़ी ABVP! UP की सड़कों पर बवाल, पुलिस ने छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा- Video
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( Image Source:  Social Media )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 2 Sept 2025 4:39 PM

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित श्रीराम स्वरूप स्मारक विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज का मामला अब बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया है. सोमवार को हुए इस बवाल में करीब 25 छात्र और एबीवीपी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घटना के बाद न केवल छात्र संगठनों में गुस्सा है, बल्कि विपक्षी दलों ने भी सरकार पर सीधा हमला बोला है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सख्त कार्रवाई के आदेश दिए. इसके तहत सीओ नगर हर्षित चौहान को पद से हटा दिया गया, जबकि नगर कोतवाली प्रभारी रामकिशन राणा, गदिया चौकी प्रभारी और पूरी पुलिस फोर्स को लाइन हाजिर कर दिया गया. जांच की जिम्मेदारी अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार को सौंपी गई है.

सोशल मीडिया में कुछ वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें यूजर्स तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं एक प्रिया सिंह नाम की एक यूजर लिखा कि, आज ABVP के कार्यकर्ताओं ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भारी संख्या में ABVP कार्यकर्ता लखनऊ में विधानसभा का घेराव करने पहुंचे हैं. ये लोग कल बाराबंकी में हुए लाठीचार्ज को लेकर नाराज हैं.

अपने ही सरकार के खिलाफ क्यों उतरे छात्र?

ABVP द्वारा वीडियो जारी करते हुए लिखा गया कि, विद्यार्थी केवल अपने अधिकारों और भ्रष्टाचार के खिलाफ सच बोल रहे थे, तब उन्हें हिंसा और दमन से रोकना प्रशासन के डर को ही दर्शाता है. शैक्षिक भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के खिलाफ ABVP कार्यकर्ताओं ने जब शांति व लोकतांत्रिक तरीके से आवाज़ उठाई, तभी श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय.

आगे लिखा कि, लखनऊ प्रशासन ने पुलिस और गुंडों को बुलाकर निर्दोष छात्रों पर लाठीचार्ज करवाया. यह कदम न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या है. छात्रों की जायज़ मांगों को दबाने की हर कोशिश यह साफ करती है कि भ्रष्टाचार को बचाने के लिए प्रशासन किस हद तक गिर सकता है. छात्र शक्ति की आवाज़ जितनी दबाई जाएगी, उतनी ही बुलंद होकर गूंजेगी.

सीएम योगी की सख्ती और जांच के आदेश

मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में भी इस मामले पर नाराजगी जताई और अयोध्या मंडलायुक्त से डिग्री विवाद की रिपोर्ट तथा आईजी अयोध्या से लाठीचार्ज की विस्तृत रिपोर्ट मांगी. इसके बाद अयोध्या मंडलायुक्त और आईजी खुद मंगलवार दोपहर विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे और मौके पर जाकर छानबीन की.

लखनऊ में विधानसभा घेराव, पुलिस ने किया बल प्रयोग

लाठीचार्ज से नाराज एबीवीपी कार्यकर्ता और छात्र मंगलवार को लखनऊ विधानसभा घेराव करने पहुंचे. पुलिस ने रोकने की कोशिश की, जिस पर हल्का बल प्रयोग किया गया और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर इको गार्डन भेज दिया गया.

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें पुलिस एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाती नजर आ रही है. अखिलेश यादव ने लिखा, 'बाराबंकी में छात्रों पर लाठीचार्ज, सरकार की नाकामी और हताशा की निशानी है.'

छात्र संगठन का आरोप-'भ्रष्टाचार बचाने की साजिश'

एबीवीपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वे केवल शैक्षिक भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. उनका कहना है कि, “जब छात्रों ने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग रखी, तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस और गुंडों को बुलाकर निर्दोष छात्रों पर लाठीचार्ज करवाया. यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या है.

हर मांग का जवाब 'लाठी' क्यों?

छात्र संगठनों का कहना है कि सरकार हर आंदोलन का जवाब लाठी से देती है. चाहे शिक्षा की मांग हो, नौकरी की या स्वास्थ्य सेवाओं की. हर जगह छात्रों और युवाओं को डंडे खाने पड़ रहे हैं. यही वजह है कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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